भोजपत्र हिमालय में पाया जाने बाले बुर्जबृक्षों के पेड़ की छाल को कहा जाता है। जिसकी  छाल सफेद रंग की होती है। बुर्जबृक्ष हिमालय में 4500 मीटर की ऊचाई पर पाया जाता है। पुरातन काल में बुर्जबृक्ष पेड़ की छाल को लिखने के उपयोग में लाया जाता था। जिस समय कागज के अबिष्कार नहीं हुआ था।
कालिदास ने अपनी कृतियों में भोजपत्र का उल्लेख किया है। हमारे देश के कई संग्रहालय में भोजपत्र पर लिखित कई पांडुलिपियां संरक्षित है।भोजपत्र की छाल पतले पतले कागज के रूप में निकलती है।
संस्कृत का नाम : भुर्ज
English Name : Himlyan Birch
हिंदी नाम : भोजपत्र

भोजपत्र के उपयोग एबम फायदे।

भोजपत्र का उपयोग मिर्गी तथा दमा रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है।
इसका उपयोग बहते खुन और घावों को साफ करने में इसका उपयोग होता है।
बुर्जबृक्षों की लकड़ी से बहुत से बदिया यन्त्र बनाये जाते है।
भोजपत्र से ही कागज़ का निर्माण होता है।
मिठास के लिए बुर्जबृक्षों के रस से बनी शराब का भी उपयोग किया जाता है।

क्या भोजपत्र  से बशीकरण ?

भोजपत्र एक पवित्र चीज़  मानी जाती है। इसलिए भोजपत्र के उपयोग से बशीकरण किया जाता है। भोजपत्र से बशीकरण का उल्लेख हमें बहुत से ग्रथो में मिलता है। भोजपत्र पर बिभिन प्रकार की बिधियाँ का उपयोग करके बशीकरण किया जाता है। जिसे बश में करना हो उसका नाम भोजपत्र पर लिख के मन्त्र के उच्चारण से सिद्ध करके बश में किया जाता है।

क्या भोजपत्र  से शत्रु का नाश किया जाता है।

भोजपत्र की सहयता से शत्रु का नाशा हो सकता है। यदि आप का शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो आप भोजपत्र में विशेष प्रकार के अनुष्टान करके आप अपने शत्रु का सर्बनाश कर सकते है।
भोजपत्र का उपयोग धार्मिक और निजी जीवन में बहुत सी जगह किया जाता है। इसलिए हम सब का फ़र्ज़ बनता है इस तरह के उपयोगी पेड़ो को बचाये। बाताबरण को साफ़ रखे। ताकि उपयोगी पेड़ो का उपभोग हमारी आने बाली पीढ़ी भी कर सके।