आज पूरा विश्व Covid -19 के बुरे दौर से गुजर रहा है। भारत में Covid -19 के कारण 22 मार्च Lockdown लगा है। Lockdown में सरकार का आदेश होता है की कोई भी आदमी घर  से बहार ना निकले। भारत में सरकार के आदेश का पालन सभी ने भलीभाँति किया। भारत में Lockdown के 4 चरण थे। उसके बाद सरकार ने Unlock 1 शुरू कर दिया है। जिसमे कुछ शर्तो के साथ छूट दी जा रही है। ऐसे में हिमाचल के पहड़ि इलाका जो की ग्रीन जोन में आता है।
ट्रैकिंग के दौरान हमें क्या क्या साबधानियॉ बरतनी चाहिए है।
ट्रैकिंग के दौरान हमें क्या क्या साबधानियॉ बरतनी चाहिए है।
बह लोग ट्रैकिंग के लिए निकलने शुरू हो गए है। यह लेख मैंने उन लोगो के लिए लिखा है। जो आज ट्रैकिंग जा रहे है। उने ट्रैकिंग में क्या क्या काम करने चाहिए है। जिससे बह ट्रैकिंग का मज़ा भी ले सके हो और प्रकति को कोई नुक्सान भी ना हो।

ट्रैकिंग के लिए अपने साथ कम से कम सामान ले जाये।

ट्रैकिंग के मतलव पैदल चलने से है। यदि आप पाहड पर ट्रैकिंग कर रहे है। तो आपको कोशिश करनी चाहिए है की आपके पास कम से कम सामान हो। ताकि आप ट्रक का आनद ले सके। यदि आप गैर जरुरी सामान को अपने साथ ले जाते है।तो आप ट्रैकिंग में मज़ा करने की जगह गैर जरुरी सामान का भोझ को उठाने में लगा देंगे। कोशिश करे की आप हलके हलके सामान का ही उपयोग ट्रैकिंग में करे। और जो चीज़ जरुरी हो आप सिर्फ उससे ही अपने साथ ले जाये। खाने पीने की चीज़े उतनी ही अपने साथ ले जाये जितनी आपको जरूत हो। नहीं तो आप एक्स्ट्रा खाने को ट्रैकिंग के दौरान पाहड में देते है। जिससे प्रकिति को नुकासन होता है। ट्रैकिंग के लिए जरुरी सामान है टेन्ट ,बिस्तर ,खाना का सामान ,खाने बनाने के बर्तन ,कुदाली ,कुल्हड़ी आदि।

ट्रैकिंग में कूड़ा-कचरा ना फैलाये।

जब हम ट्रैकिंग पर जाते है तो हम अपने साथ खाने पीने की चीज़े और प्लास्टिक को बोतल आदि ले जाते है। जब हम इनका  यूज़ करते है उसके बाद हमें बह सामान को पाहड के ऊपर नहीं फेकना है।  सामान का यूज़ करके बाद सारे कूड़े को एक बोरी के अन्दर बर देना है। और हम ट्रैकिंग से बापिस आये उसे अपने साथ बापिस लाना है। यह फिर जंगल में एक गड़ा करके उसे बही पर दफन करना है। जिससे पहड़ो की सुंदरता बनी रहे। कुछ लोग ट्रैकिंग के दोहरान शराब का सेबन करते है ,उसके बाद शराब की खाली बोतल को पहाड़ पर ही छोड़ देते है। जिससे कचरा हो जाता है। और साथ में कांच से दुसरो को भी हानि हो सकती है। इसलिए हमें कचरे का उचित निबारण करना चाहिए। बल्कि हम जब भी ट्रैकिंग पर जाये तो हमें कोशिश करनी चाहिए है की हमें जंगल का कूड़ा -कचरा का साफ करे जिससे प्रकृति की सुंदरता बनी रहे।