हर साल 14 जून को विश्व के ज्यादातर देश रक्तदाता दिवस के रूप में मनाते हैं। रक्तदाता  दिवस बनाना 2004 से शुरू हुआ।  जिससे लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
रक्तदाता दिवस क्यों मनाया जाता है, रक्तदान के फायदे।
रक्तदाता दिवस क्यों मनाया जाता है, रक्तदान के फायदे।
और उन लोगों का धन्यवाद किया जाता है जिन लोगों ने अपना खून देकर लोगों की जान बचाई होती है। रक्तदान को जीवनदान यूं ही नहीं कहा गया है। रक्तदान करके एक रक्तदाता एक व्यक्ति का जीवन बचा कर एक पूरे परिवार को बिखरने से बचाता है। सनातन धर्म में तो नर सेवा को वैसे भी नारायण सेवा कहा गया है, अर्थात अगर हम एक व्यक्ति की सेवा करते हैं तो वह परमपिता परमात्मा की सेवा भी होती है।
परंतु बड़े ही अफसोस की बात है कि हमारे भारत में रक्तदान करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। भारत में हर साल ढाई सौ सीसी खून के चार करोड़ यूनिट की जरूरत होती है। ऐसे में भारत में हमें लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा उन्हें इसके फायदे के बारे में भी समझाना होगा और साथ में जो इससे जुड़ी हुई मिथ्या धारणाएं हैं उनको भी लोगों के सामने उजागर करना होगा। अगर हम सब मिलकर यह करने में कामयाब हुए तो करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती हैं।

 रक्तदान करने बालों के लिए सलाह -

रक्तदान करने से पहले रक्तदान करने वाला जो  व्यक्ति है उसे पौष्टिक आहार लेना चाहिए। कम से कम 3 घंटा पहले कुछ खाए जो पौष्टिक हो रक्त दान करने से पहले धूम्रपान ना करें रक्तदान करने के कम से कम 3 घंटा बाद धूम्रपान करें। रक्तदान से 48 घंटे पहले शराब पी है तो ऐसा व्यक्ति भी रक्तदान करने के लिए उपयुक्त नहीं होता।

 रक्तदान करने के लिए योग्यताएं -

18 साल से लेकर 60 साल के बीच में रक्तदान किया जा सकता है। जिसका वजन 48 किलो से ज्यादा होता है उसे उपयुक्त रक्तदाता माना जाता है। 48 किलो से कम वजन वाले लोग रक्तदान ना करें तो बेहतर है। ऐसे लोग जिन्हें संक्रामक रोग ना हो वह भी उपयुक्त रक्तदाता माने जाते हैं। एड्स, हेपेटाइटिस बी, और यौन रोग इत्यादि से ग्रसित रोगी रक्तदान ना करें। धात्री माताएं जिन्हें अभी बच्चे को जन्म दिए हुए 6 महीने ही हुए हैं वह भी रक्तदान ना करें। हृदय रोगी और ऐसे हृदय रोगी जिन की बाईपास सर्जरी हुई है वह भी रक्तदान ना ही करें तो ठीक रहेगा। जिन लोगों का हीमोग्लोबिन 12 ग्राम से कम होता है वह भी रक्त देने से बचें।
अगर आप रक्तदान कर चुके हैं तो रक्तदान करने के कम से कम 3 महीने तक रक्तदान ना करें। कोई व्यक्ति अगर 3 महीने बाद रक्तदान ना करना चाहता हो तो कम से कम साल में दो मतदान जरूर करें।

रक्तदान के फायदे -

रक्तदान हमारी सेहत के लिए भी अच्छा होता है। हमारे शरीर में आयरन की मात्रा अगर बढ़ जाए तो वह ह्रदय, लीवर और अग्नाशय  में जमा हो जाता है। जो कि गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और रक्तदान करने से जो ज्यादा आयरन हमारे शरीर में इकट्ठा होता है वह भी रक्त के साथ निकल जाता है। जिससे हमारे शरीर को राहत मिलती है। विशेषज्ञों की माने तो रक्तदान से कैंसर और शुगर का खतरा भी घटता है। जब हम रक्तदान करते हैं। तो फिर शरीर में नया रक्त बनना शुरू हो जाता है। जिससे नई रक्त कोशिकाएं भी बनती हैं।

रक्तदान करने के बाद क्या खाएं -

रक्तदान के बाद अगर आप मांस खाते हैं तो मांस का सेवन भी कर सकते हैं जैसे मछली, चिकन इत्यादि
और अगर आप सिर्फ सब्जियां खाते हैं तो दूध, केला, अनार, सोयाबीन, चने, हरी सब्जी इत्यादि का उपयोग भी कर सकते हैं यह जो थोड़ी बहुत रक्त की हानि हमारे शरीर में हुई है उसे कवर करता है।